Bihar Weather Update : बिहार में इस साल अक्टूबर तक मानसून की विदाई न होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। नवरात्रि और दशहरा के दौरान लगातार हुई बारिश ने पूजा-पंडालों की रौनक फीकी कर दी। श्रद्धालुओं की भीड़ कम रही और कई जगह जलजमाव के कारण पंडाल तक पहुंचना मुश्किल हो गया। वहीं, दुकानदारों का कहना है कि कपड़े, मिठाई और सजावटी सामान की बिक्री पिछले सालों की तुलना में बहुत कम रही।
गांव और शहर दोनों प्रभावित
लगातार हो रही बारिश ने ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों की स्थिति बिगाड़ दी है।
- गांवों में प्रभाव: धान की खेती में शुरुआती फायदा मिला, लेकिन अब फूल आने के समय लगातार पानी भरने से फसल झड़ने का खतरा बढ़ गया है। अन्य फसलों के भंडारण का काम भी बाधित हुआ है।
- शहरों में असर: सड़कों और गलियों में पानी भर जाने से यातायात चरमरा गया। वहीं, आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं से ग्रामीण इलाकों में भय का माहौल है। हाल के दिनों में कई लोगों की जान जा चुकी है।

मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के कारण मानसून अभी भी सक्रिय है। अगले एक सप्ताह तक बिहार के कई जिलों में रुक-रुककर बारिश हो सकती है। विभाग ने 19 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
त्योहारों पर मंडरा रहा खतरा
नवरात्रि और दशहरा पर असर डालने के बाद अब दीपावली और छठ महापर्व की तैयारियां भी प्रभावित हो सकती हैं। अगर बारिश का सिलसिला जारी रहा तो दीपावली बाजार, पटाखा बिक्री और छठ घाटों की सजावट पर बुरा असर पड़ेगा।
क्या मिलेगी राहत?
मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 8 से 10 अक्टूबर के बाद मौसम साफ हो सकता है और तापमान में भी वृद्धि होगी। हालांकि, तब तक नदियों के जलस्तर पर कड़ी नजर रखनी होगी। पश्चिमी विक्षोभ के असर से कुछ राहत मिलने की संभावना है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में ऐसे देरी से लौटने वाले मानसून आम हो सकते हैं।
सावधानी और बचाव के उपाय
लगातार बारिश और बिजली गिरने की घटनाओं को देखते हुए विशेषज्ञों ने लोगों से खुले स्थानों पर न जाने की अपील की है। साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है। किसानों को फसल बचाने के लिए जल निकासी की व्यवस्था पर ध्यान देने की हिदायत दी जा रही है।