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NDA Seat Sharing: मोदी के हनुमान चिराग पासवान की जिद से फंसा सीट बंटवारा, BJP में मचा बवाल!

On: अक्टूबर 7, 2025 5:34 अपराह्न
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chirag paswan

NDA Seat Sharing: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान तेज हो गई है। बीजेपी ने अपने सहयोगियों के बीच सीटों का फॉर्मूला लगभग तय कर लिया है, लेकिन चिराग पासवान इस प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं।

बीजेपी का प्रस्ताव और सहयोगियों की हिस्सेदारी

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शुरुआती प्रस्ताव में

  • चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 25 सीटें,
  • उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLM) को 6 सीटें,
  • और जीतन राम मांझी की हम पार्टी को 7 सीटें देने की पेशकश की है।

लेकिन इस फॉर्मूले पर चिराग पासवान ने ऐतराज़ जताया है और अपनी पार्टी के प्रभाव वाले क्षेत्रों में अधिक सीटें मांगने पर अड़े हुए हैं।

“25 नहीं, 30 सीट चाहिए” — चिराग पासवान का दावा

चिराग पासवान का कहना है कि उनकी पार्टी का जनाधार कई महत्वपूर्ण इलाकों में है, इसलिए उन्हें कम से कम 30 विधानसभा सीटें मिलनी चाहिए।
उन्होंने तर्क दिया कि उनके 5 लोकसभा सांसदों के क्षेत्रों में दो-दो विधानसभा सीटों पर उनकी पार्टी को उम्मीदवार उतारने का अवसर दिया जाना चाहिए।

chirag paswan

किन सीटों पर चिराग की नजर?

जानकारी के अनुसार, समस्तीपुर, खगड़िया, जमुई और औरंगाबाद जैसी सीटों पर चिराग पासवान ने दावेदारी पेश की है
दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक में उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में लोजपा (रामविलास) का मजबूत संगठन और जनसमर्थन है, इसलिए पार्टी को इन इलाकों में मौका मिलना चाहिए।

बीजेपी में फंसा पेच

चिराग पासवान की इस मांग से बीजेपी नेतृत्व असमंजस में है।
अगर पार्टी चिराग की बात मानती है, तो उसे मांझी और कुशवाहा के हिस्से की सीटों में कटौती करनी पड़ेगी, जिससे गठबंधन के भीतर नाराजगी बढ़ सकती है
दिल्ली में सोमवार को हुई एनडीए की बैठक इस मुद्दे पर बेनतीजा रही, और अब इसे सुलझाने के लिए शीर्ष नेतृत्व को दखल देना पड़ सकता है।

बिहार चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे की गुत्थी अभी सुलझती नहीं दिख रही। चिराग पासवान जहां अपने जनाधार का हवाला देकर सीटें बढ़ाने पर अड़े हैं, वहीं बीजेपी सभी सहयोगियों को साधने की रणनीति में लगी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या चिराग की जिद से एनडीए का समीकरण प्रभावित होता है या समझौते की कोई नई राह निकलती है।

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